फ़रेबों पर ही कायम है सभी की ज़िन्दगी यारो। हक़ीक़त का मियाँ अब सामना कोई नहीं करता। फ़रेबों पर ही कायम है सभी की ज़िन्दगी यारो। हक़ीक़त का मियाँ अब सामना कोई नहीं करता।
माँ अगर न होती तो ये संसार न होता माँ के चरणों में ही जन्नत है यही मुकद्दर मिलती है जो एक आम इंसान क... माँ अगर न होती तो ये संसार न होता माँ के चरणों में ही जन्नत है यही मुकद्दर मिलती...
कोई तो है जो हर बात की हमारी खबर रखता है कोई तो है जो हम को अपनी उंगलियों पे नचाता है, कोई तो है जो हर बात की हमारी खबर रखता है कोई तो है जो हम को अपनी उंगलियों पे ...
एक अरसा हो गया है खुद से मिले हुए बात कुछ यूँ है कि, उनसे अब मुलाक़ात भी तो नहीं होती एक अरसा हो गया है खुद से मिले हुए बात कुछ यूँ है कि, उनसे अब मुलाक़ात भी तो न...
पापा आज भी घर जाती हूँ , सब नजर आते हैं एक आप ही नहीं । आज भी लगता है आप आओगे और पूछो पापा आज भी घर जाती हूँ , सब नजर आते हैं एक आप ही नहीं । आज भी लगता है आप आ...
कारवां हूं काफिले का कोई रहगुजर नहीं चंद लकीरे हूं हाथों की पर मुकद्दर नहीं चारदीवारी कारवां हूं काफिले का कोई रहगुजर नहीं चंद लकीरे हूं हाथों की पर मुकद्दर नहीं ...